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तुम जितना दुख देते हो कोमल हो स्त्री हो कल न हो हिन्दीकविता hindikavita 52weekswritingchallenge रहें सदा मिल जुलकर निर्बलों के हम बनें सहायक देवें सबको ही सम्मान एक कुटुंब है सारी वसुधा कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो कभी कभी ये सोचें नर हो या नारी

Hindi सुख हो या फिर दुख हो Poems