तुम कहते हो तुम मेरे हो, पर शर्त तुम्हारी चलती है मेरे इस कोमल ह्रदय से, अश्रु की धरा तुम कहते हो तुम मेरे हो, पर शर्त तुम्हारी चलती है मेरे इस कोमल ह्रदय से, अश्...
रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी। रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी।
समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है, समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है,
कुछ भी हो लेकिन हम रहें सदा मिल जुलकर, सुख हो या फिर दुख हो इन्हें बिताएं हॅंसकर। कुछ भी हो लेकिन हम रहें सदा मिल जुलकर, सुख हो या फिर दुख हो इन्हें बिताएं हॅंसक...
कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो
जो भी दूजे को हँसाते, ऐसे लोग ख़ूब है भाते। जो भी दूजे को हँसाते, ऐसे लोग ख़ूब है भाते।